Collection of HINDI poems

/

Facebook

यहाँ मुक्ता के मुक्त हृदय-आँगन में
कविता ओस बिंदु
के संग सोती हैं । यहाँ मन सीपी में,दुबकी मणियाँ,
भावों की स्वाती में काव्य मुक्ताहार पिरोती हैं।

Design a site like this with WordPress.com
Get started