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जब वो मोम बन पिघल गए। तब वो अपने लगने लग गए। →
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आतंकवाद का अंत
।।आतंकवाद का अंत ।। जब-जब आतंक चलेगा चाल। क्रूर, निरंकुश बनेगा विकराल । कालिया नाग का मर्दन तब उचित है। आतंकवाद का अंत तो सुनिश्चित है। अत्याचारी का असीमित व्याभिचार। जब निरीह-प्राणियों पर करेगा वार। कंस का नाश होना तब उचित ही है। आतंकवाद का अंत तो सुनिश्चित है। सीमा ज्ञान से जो रहेगा दूर।… →
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मेरा कुछ मुझसे छूट गया है।
मेरा कुछ मुझसे छूट गया मेरा कुछ मुझसे रूठ गया || कुछ मुझसे पीछे छूट गया || शाखों से गिरे जो पत्ते थे | जो हमने किए इकट्ठे थे | कुछ मुरझा से गए,कुछ दूर उड़े | वो मेरा पीपल जब पेड़ हुआ | यूँ मुझसे बचपन रूठ गया || यूँ मुझसे वह पीछे छूट… →
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ਅਣਖੀਲੇ
।।** ਅਣਖੀਲੇ **।। ਰੰਗ-ਰੰਗੀਲੇ, ਬੜੇ ਜੁਸ਼ੀਲੇ। ਧਰਤ ਪੰਜਾਬ ਦੇ, ਪੰਜਾਬੀ ਸਜੀਲੇ। ਸਿਆਣੇ ਗਾਉਂਦੇ ਜੋ ਵਹਿ ਨੇ ਗਏ ਸਮੇਂ ਨਹੀਂ ਆਉਂਦੇ। ਕਿੱਥੇ ਅਣਖੀਲੇ, ਰੰਗ-ਰੰਗੀਲੇ । ਧਰਤ ਪੰਜਾਬ ਦੇ, ਪੰਜਾਬੀ ਸਜੀਲੇ । ਉਹ ਹੀ ਹੋਇਆ, ਨਸ਼ੇ ਚ’ ਭਿੰਉਆ ਪੰਜਾਬ ਇਹ ਸਾਰਾ ਨਸ਼ੇ ਦੀ ਅੱਗ’ਚ ਰੁੜ ਗਿਆ ਸਾਰਾ (ਕਿੱਥੇ ਅਣਖੀਲੇ——-ਸਜੀਲੇ) ਮੰਡੀਰ ਨੂੰ ਭਾਉਂਦੇ, ਗੀਤ ਨੇ ਗਾਉਂਦੇ ਮਨ ਮੋਹਣੇ… →
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कागज़ की गेंद कहानी
कागज की गेंद ‘मैं बता नहीं सकती कि आज मुझे कैसा लग रहा है’ यह शब्द मुझे सीमा मेरी सहेली कह रही थी जो लगभग 1 साल के बाद मेरे घर आई थी।आई भी नहीं कह सकते, वास्तव में घर के आगे से गुजर रही थी तो मैंने ही आवाज़ लगाई और हाल-चाल पूछते-पूछते चाय… →
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सच्चा प्रेम
।। सच्चा प्रेम ।। तुम्हारी इन गलियों में मैं जब चलती हूँ । तो लगता है कि जैसे तुम !! अदृश्य !! कभी मेरे आगे-आगे तो कभी पीछे-पीछे चलते हुए मुझ पर नजर रखे हो! और हंसते हो कि खोजने, देखने, मिलने, पाने तो मुझे आती है यहाँ!! मगर फिर घर वालों को ही खुश… →